आज मैंने रोटी बनाई,
नरम नरम..
गरम गरम..
गोल गोल..
इजी टू रोल!!
काश मैं तुमको दिखा पाता,
संग तुम्हारे प्यार से खाता..
तुम्हारे फेवरिट सब्जी के साथ,
लिए हाथों में तुम्हारा हाँथ..
यूँ काट जाती सारी रात,
मरी रोटी की करते हुए बात..
तुम्हारी रोटियों से करता मैं कम्पेयर,
यूँ करते एक दूसरे का फीडबैक शेयर..
की कभी तुम चिढ़ती, कभी मैं गुस्साता,
पर अंततः खाना तुम्हारे साथ ही खाता..
पर अब कहाँ तुम आओगी,
मेरी रोटी कैसे खा पाओगी..
और कभी कभार ही सही पर,
मेरी रोटी ना खा पाने पर पछताओगी..
और मैं तुम्हे बताता रहूँगा,
हरदम जताता रहूँगा..
देखो किस सिचुएशन में लाइफ ले आई,
आज मैंने रोटी बनाई !!